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सावन शिवरात्रि 2024: तिथि, पूजा विधि, महत्व, और मुहूर्त

सावन शिवरात्रि हिंदू धर्म में एक विशेष और महत्वपूर्ण पर्व है। इस पर्व का आयोजन भगवान शिव की उपासना के लिए किया जाता है। 2024 में सावन शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है, और यह शिव भक्तों के लिए एक अद्वितीय अवसर है।

सावन शिवरात्रि 2024 की तिथि

सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024, शुक्रवार को मनाई जाएगी।

सावन शिवरात्रि पूजा मुहूर्त

सावन शिवरात्रि के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है और इसे विभिन्न प्रहरों में किया जाता है। 2024 में पूजा के मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

– रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: रात 07:11 – रात 09:49
– रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: रात 09:49 – प्रातः 12:27, 3 अगस्त
– रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: प्रातः 12:27 – प्रातः 03:06, 3 अगस्त
– रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: प्रातः 03:06 – सुबह 05:44, 3 अगस्त
– निशिता काल मुहूर्त: 3 अगस्त 2024, प्रातः 12:06 मिनट – सुबह 12:49 मिनट
– पारण समय: सुबह 05:44 – दोपहर 03:49 (3 अगस्त)

सावन शिवरात्रि 2024: तारीख, पूजा मुहूर्त और महत्व

सावन शिवरात्रि का महत्व

सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस महीने में शिवभक्त भगवान शिव की पूजा, व्रत और उपासना करते हैं। सावन शिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त जन व्रत रखते हैं और रात्रि जागरण करते हैं।

पूजा विधि

1. प्रातःकाल स्नान और शुद्धिकरण: इस दिन भक्त प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करते हैं।
2. शिवलिंग की पूजा: भगवान शिव के शिवलिंग को गंगा जल, दूध, दही, शहद, और घी से अभिषेक करते हैं। इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, और फूल चढ़ाते हैं।
3. मंत्र जाप: ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप किया जाता है। इससे मन की शुद्धि और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
4. व्रत: भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और रात्रि को जागरण कर भगवान शिव की कथा सुनते हैं।
5. आरती और प्रसाद: पूजा के अंत में आरती की जाती है और प्रसाद वितरण होता है।

सावन शिवरात्रि की कथा

सावन शिवरात्रि से जुड़ी कई कथाएं हैं, लेकिन इनमें से एक प्रमुख कथा है समुद्र मंथन की। समुद्र मंथन के समय जब विष निकला, तो सभी देवता और असुर घबरा गए। भगवान शिव ने इस विष को अपने कंठ में धारण कर लिया जिससे उनका कंठ नीला हो गया और वे ‘नीलकंठ’ कहलाए। इस घटना को याद करते हुए शिवभक्त सावन शिवरात्रि का व्रत रखते हैं।

निष्कर्ष

सावन शिवरात्रि 2024 भगवान शिव की उपासना का एक विशेष दिन है। इस दिन व्रत, पूजा, और आराधना करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की कृपा से सभी भक्तों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होता है।

आशा है कि यह जानकारी आपको सावन शिवरात्रि के महत्व और पूजा विधि के बारे में विस्तृत समझ देगी। भगवान शिव की कृपा आप पर बनी रहे!

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