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विश्वकर्मा पूजा: सफलता और समृद्धि के लिए 5 शक्तिशाली मंत्र और विधि

विश्वकर्मा पूजा हिंदू धर्म में विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है, खासकर उन लोगों के लिए जो निर्माण, मशीनरी, और शिल्प से जुड़े हुए हैं। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के पहले वास्तुकार और शिल्पकार के रूप में पूजा जाता है। उनके आशीर्वाद से कार्यक्षेत्र में उन्नति, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।

हम विश्वकर्मा पूजा के 5 महत्वपूर्ण मंत्रों और उनकी पूजा विधि पर चर्चा करेंगे, जो आपकी सफलता और समृद्धि के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती हैं।

विश्वकर्मा पूजा का महत्व

विश्वकर्मा पूजा हर साल भाद्रपद महीने की सूर्य संक्रांति के दिन मनाई जाती है, जिसे ‘विश्वकर्मा जयंती‘ भी कहा जाता है। इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर अपने कार्यक्षेत्र, मशीनों और औजारों को शुद्ध करते हैं। यह पूजा विशेष रूप से शिल्पकारों, इंजीनियरों, और उद्योगपतियों के लिए महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि भगवान विश्वकर्मा से उनका काम सफल और समृद्ध बनाने की प्रार्थना की जाती है।

विश्वकर्मा पूजा विधि

1. स्नान और शुद्धिकरण: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थल को साफ करें। पूजा की जगह पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

2. आवश्यक सामग्री: पूजा के लिए धूप, दीप, फूल, नैवेद्य, जल, रोली, चावल, नारियल, और ताजे फल एकत्रित करें।

3. पूजा स्थल पर दीप जलाएं: सबसे पहले दीपक जलाएं और भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करें।



4. मंत्र उच्चारण: पूजा करते समय भगवान विश्वकर्मा के निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करें। यह मंत्र आपके कार्यक्षेत्र में सफलता और शांति लाने में मदद करेंगे।

शक्तिशाली विश्वकर्मा पूजा मंत्र

1. मूल मंत्र:

ॐ आधार शक्तपे नमः
ॐ कूमयि नमः
ॐ अनन्तम नमः
ॐ पृथिव्यै नमः

महत्व: यह मंत्र भगवान विश्वकर्मा की शक्ति का आह्वान करता है और जीवन में स्थिरता, उन्नति और समृद्धि लाने में मदद करता है।

2. विशेष मंत्र:

ॐ विश्वकर्मणे नमः

महत्व: इस मंत्र का जप करने से कार्य में सफलता और काम की गुणवत्ता में सुधार होता है। यह कार्यक्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

3. संकल्प मंत्र:

ॐ विश्वकर्मा देवतायै स्वाहा

महत्व: यह मंत्र भगवान विश्वकर्मा से सुरक्षा और सफलता के लिए संकल्पित होता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो नई शुरुआत कर रहे होते हैं।

4. शक्ति मंत्र:

ॐ श्री विश्वकर्माय नमः

महत्व: इस मंत्र का जप करने से भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कार्यक्षेत्र में आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ता है।

5. समृद्धि मंत्र:

ॐ विश्वकर्मा विधायाकाय नमः

महत्व: इस मंत्र का जाप समृद्धि और आर्थिक उन्नति की ओर ले जाता है। यह उन लोगों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है जो व्यापार या उद्योग से जुड़े हैं।

पूजा के बाद के नियम:

पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण करें और सभी औजारों या मशीनों पर भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए तिलक लगाएं। यह दिन इस बात का प्रतीक है कि हम अपने कार्यक्षेत्र और उपकरणों का सम्मान करें और उन्हें शुद्ध बनाए रखें।

विश्वकर्मा पूजा के लाभ:

1. कार्य में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
2. मशीनों और उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
3. व्यवसाय और उद्योग में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
4. भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद कार्यक्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करता है।


निष्कर्ष:

विश्वकर्मा पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी परंपरा है जो हमारी मेहनत, शिल्प, और उद्योग को भगवान का आशीर्वाद दिलाती है। इन 5 शक्तिशाली मंत्रों का जाप करके आप अपने कार्य में सफलता, समृद्धि और शांति को सुनिश्चित कर सकते हैं।

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